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आयुर्वेद-सेहत के लिए आयुर्वेद

राजस्थान के जोधपुर में स्थापित आरोग्यम् आयुर्वेदिक पंचकर्म हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा का विश्वसनीय संस्थान है. इसके निदेशक डॉ. अरुण कुमार त्यागी राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर में कायाचिकित्सा एवं पंचकर्म चिकित्सा के विभागाध्यक्ष रह चुके हैं.

पिछले 13 से अधिक वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत डॉ. त्यागी करीब 35,000 लोगों का मोटापा संबंधी इलाज कर चुके हैं. वे कहते हैं, ‘‘आधुनिक जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य को सर्वाधिक प्रभावित कर रही है. अनियमित आहार और श्रम के अभाव के कारण मोटापा बढ़ रहा है.’’ यह लोगों के मानसिक-शारीरिक संतुलन को प्रभावित कर कई रोग उत्पन्न कर रहा है. वे कहते हैं, ‘‘मोटापे की समस्या में अमेरिका एवं चीन के बाद भारत का तीसरा स्थान है, जो चिंेता का विषय है.’’

डॉ. त्यागी शारीरिक स्वास्थ्य संरक्षण में आयुर्वेदीय पंचकर्म को अहम मानते हैं. उनके मुताबिक, निक्वन दो रूपों में अपनाया जाता है:

1. दिनचर्या में पंचकर्म: उत्तम स्वास्थ्य के लिए रोजाना नियमित रूप से पंचकर्मीय उपक्रमों को करना चाहिए. ये हैं—

अभ्यंगः यानी शरीर पर तैलादि स्ïनेहों को लगाना.

पादाभ्यंग: यानी प्रतिदिन पैरों का अभ्यंग भी करना चाहिए.

सिर पर तैल धारण: नियमित रूप से शिर पर तैल अभ्यंग करना चाहिए.

स्नेहगण्डूष: यानी स्ïनेह से मुंह को भरना.

प्रतिमर्श नस्य: नाक में दो-दो बूंद स्नेह की डालना.

कर्णपूरण: यानी कान में तैल डालना.

मात्रा वस्ति: वस्ति यंत्र की मदद से स्नेह की अल्पमात्रा को पक्वाशय में प्रविष्ट कराया जाता है.

2. ऋतुचर्या में पंचकर्म: हर ऋतु के अनुकूल आहार-विहार करने से ऋतुजन्य व्याधियां नहीं होतीं. आयुर्वेद में वर्ष को दो काल, आदान काल और विसर्ग काल तथा छ: ऋतुओं में बांटा गया है.

वहीं, विट्रो नेचुरल्स के संस्थापक जे.के. बैद जैविक उत्पादों को लेकर काफी काम किया है. दरअसल, फसलों-सब्जियों में रसायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से उपभोक्ताओं की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और वे रोगों का शिकार हो जाते हैं.

इसके उपाय के तौर पर जैविक खेती और उत्पादों पर लोगों का ध्यान गया है. बैद कहते हैं, ‘‘आने वाला समय जैविक उत्पादन के लिए बहुत उत्साहवर्धक है और इसके 10 से 20 फीसदी बढऩे की संभावना है.’’ बैद एलोवेरा, आंवला, त्रिफला के आर्गेनिक जूस और क्रीम, जैल आदि का उत्पादन और निर्यात कर रहे हैं.

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Author: kesarianews

शैलेन्द्र मिश्रा शैली 'केसरिया न्यूज़ डॉट कॉम' के फाउंडर और स्वामी हैं । आप मध्यप्रदेश के जाने माने युवा पत्रकार हैं। आप निरंतर 15 वर्षों से सक्रिय पत्रकार हैं एवं विभिन्न और प्रसिद्ध नेशनल, रीजनल टीवी न्यूज़ चैनल्स एवं अख़बार मे मे बतौर एडिटर, पॉलिटिकल एडिटर, विशेष संवाददाता के रूप मे लम्बे समय तक कार्यरत रहे हैं। आप मप्र सरकार द्वारा राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार हैं एवं आपकी वेबसाइट MIB (केंद्र सरकार के विभाग) द्वारा भी डिजिटल पालिसी मे पंजीकृत है। पिछले 11 वर्षों से निरंतर केसरिया न्यूज़ डॉट कॉम को सक्रिय भी रखे हुए हैं अपनी टीम के सहयोग से। आप (शैलेन्द्र मिश्रा एवं अन्य सहयोगी ) केसरिया न्यूज़ के माध्यम से मप्र, छत्तीसगढ़ सहित देश और अन्य प्रदेशों की महत्वपूर्ण, लोकहित, जनहित की ख़बरों को प्राथमिकता देते हुए सामाजिक एवं राजनैतिक विषयों पर साहस और निर्भीक होकर नज़र बनाए रखते हैं। आशा है आप पाठक, दर्शक गण केसरिया न्यूज़ की वेबसाइट, यू ट्यूब डिजिटल चैनल सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म जहाँ केसरिया न्यूज़ उपलब्ध है को भी अपना प्रेम आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन देते रहेंगे। कृपया नक़लचीयों से सावधान रहें एवं अधिकृत व्यक्ति शैलेन्द्र मिश्रा शैली से ही व्यक्तिगत मिलकर या...