माध्यमिक शाला पतरापाली में बच्चों को मिली गुड टच-बैड टच की जानकारी

सूरजपुर । रामानुजनगर के माध्यमिक शाला पतरापाली में आज बैगलेस डे सुरक्षित शनिवार पर बच्चों को गुड टच और बैड टच के प्रति सजग और जागरूक बनाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया गया कि बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। माता-पिता बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना, कपड़े देना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देना ही अपना कर्तव्य समझते हैं। बच्चों को एक अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श के बारे में बताने में माता-पिता संकोच करते हैं। उनका यही संकोच अपराध को बढ़ावा देता है।

विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अनीता सिंह ने बच्चों को बताया कि गुड टच का मतलब एक तरह का शारीरिक स्पर्श है जो दूसरे व्यक्ति को सुरक्षा और आराम का एहसास देता है और अच्छे और बुरे स्पर्श के बीच अंतर करना सिखाएँ। अच्छे स्पर्श में सिर या पीठ पर थपथपाना, दोस्तों के साथ हाथ मिलाना, हाई-फाइव और गले मिलना शामिल है। इसके विपरीत, बैड टच का मतलब है ऐसा स्पर्श जिससे बच्चे या किशोर असहज, असुरक्षित, आहत आदि महसूस करते हैं। बेड टच यानी बुरा स्पर्श जिसे कोई भी कर सकता है, बुरे स्पर्श में नापसंद गले लगना, चूमना और निजी अंगों को अनुचित तरीके से छूना शामिल है। बच्चे को अलग-अलग तरह के स्पर्श कर सिखाया गया।

विरोध करना, नहीं कहना सीखें

शिक्षक योगेश साहू ने बच्चे को बताया कि किसी भी ऐसे स्पर्श को मना करना बिल्कुल सही है जिससे आपको डर,भय और असहजता महसूस होती हो, उन्हें किसी को भी “नहीं” कहने या चिल्लाने का अधिकार है। अगर कोई चीज़ उन्हें असहज महसूस करा रही है तो उन्हें बोलना चाहिए। अपने माता-पिता, भाई-बहन, शिक्षक के पास बताना चाहिए। महेन्द्र पटेल के द्वारा बच्चों को साफ सफाई के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बी आर हितकर, महेन्द्र पटेल, अनिता सिंह, कृष्ण कुमार यादव, योगेश साहू, रघुनाथ जायसवाल एवं विद्यालय के छात्र मौजूद थे।

 

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Author: kesarianews

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