मुंबई | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राकांपा के संस्थापक शरद पवार भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे? इस सवाल के जवाब में अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि दो जुलाई को शपथ ग्रहण के बाद अजित पवार और शरद पवार के बीच दो बार मुलाकात हुई थी। इस दौरान अजित पवार ने शरद पवार को मनाने की कोशिश की थी। शरद पवार 50 प्रतिशत तैयार हो गए थे लेकिन आखिरी वक्त में हिचकिचा गए थे।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि 2 जुलाई 2023 को अजित पवार और हमारे मंत्रियों ने महाराष्ट्र सरकार के साथ शपथ ली। इसके बाद 15 और 16 जुलाई को हमने शरद पवार से मुलाकात कर उनसे हमारे साथ आने का अनुरोध किया। इसके बाद अजीत पवार और शरद पवार पुणे में मिले। उन्होंने कहा कि शरद पवार भी 50 प्रतिशत तक तैयार थे लेकिन वह हमेशा आखिरी समय पर झिझक जाते थे। प्रफुल्ल पटेल ने आगे कहा कि 1996 में अगर शरद पवार एचडी देवेगौड़ा के सुझावों पर सहमत होते और झिझकते नहीं, तो वे पीएम बन सकते थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पटना में इंडी गठबंधन की पहली बैठक में वे शरद पवार के साथ गए थे। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के लोग तस्वीरें खींचने के लिए मिलते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या विपक्ष के पास कोई योजना है? अगर कोई योजना थी तो उन्हें इसे जनता के सामने पेश करना चाहिए था। साथ ही इंडी गठबंधन को कम से कम यह बताना चाहिए कि उनके पास कौन है जो पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकता है?
Author: kesarianews
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