नई दिल्ली: महंगाई और उपभोक्ता मांग में कमी ने देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों की हालत खराब कर रखी है लेकिन उन्होंने सबसे बड़ी चुनौती बाजार में एंट्री कर रही नई कंपनियों से मिल रही है। समस्या यह है कि लगभग हर सेक्टर में नई मजबूत कंपनियां आ रही हैं और दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। डीमार्ट, पेप्सी, कोका-कोला, अमूल, मदर डेयरी, एशियन पेंट्स, अपोलो हॉस्पिटल्स और मणिपाल हेल्थकेयर जैसी दिग्गज कंपनियों को अपने-अपने सेक्टर में नई कंपनियों से कड़ी स्पर्द्धा का सामना करना पढ़ रहा है।
दिग्गज कंपनियों पर दबाव
प्रसंस्कृत खाद्य निर्यातक अल्लाना एक्सपोर्ट्स के पोल्ट्री में प्रवेश से सुगुना और वेंकी जैसी मौजूदा कंपनियों को चुनौती मिल रही है। इसी तरह एस्टर डीएम हेल्थकेयर का क्वालिटी केयर इंडिया के साथ विलय बाजार के अग्रणी अपोलो और मणिपाल के लिए खतरा बन गया है। ऐतिहासिक रूप से कठिन बाजार स्थितियां कंपनियों को बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए नए तरीके आजमाने के लिए मजबूर करती हैं। वे किसी नए क्षेत्र में प्रवेश करके, प्रतिष्ठित ब्रांड खरीदकर, कंसोलिडेशन करके या डिस्काउंटिंग के जरिए ऐसा कर सकती हैं।इससे बाजार में मौजूद दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलती है। इससे दिग्गज कंपनियों पर दबाव दिख सकता है। उदाहरण के लिए पिछले छह महीनों में डीमार्ट के शेयर में 16% और एशियन पेंट्स में 13.5% की गिरावट आई है। वरुण बेवरेजेज (पेप्सिको की बॉटलर) के शेयर में पिछले छह महीनों में लगभग 9% की वृद्धि हुई है, जबकि एक साल में इसमें लगभग 50% की वृद्धि हुई थी। पिछले छह महीनों में एस्टर डीएम हेल्थकेयर और केआईएमएस के शेयर की कीमतों में क्रमशः 41% और 64% की बढ़ोतरी हुई है जबकि अपोलो हॉस्पिटल्स का शेयर केवल 18% चढ़ा है।
Author: kesarianews
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