सरकारी सिस्टम की बेरुखी से बेहाल अतिथि विद्वान….
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14/दिसंबर/2019…..
क्या हुआ तेरा वादा….
अनुमति समाप्ति के बाद भी अतिथि विद्वानों की मोर्चाबंदी
भोपाल – आलोक हरदेनिया….
प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पिछले दो दशकों से कार्यरत अतिथि विद्वान कमलनाथ सरकार की बेरुखी से बेहाल और बदहाल हो चुके हैं। हालात यह है कि पिपरिया से भोपाल तक पदयात्रा करने के बाद भोपाल के शाहजहांनी पार्क में पिछले 4 दिनों से आंदोलनरत अतिथिविद्वानों से शासन प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उनकी समस्या अथवा मांगों को सुनने तक नही पहुँचा। कड़ाके की ठंड, बारिश और बिगड़े मौसम के बीच हज़ारों अतिथिविद्वान जिनमे बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल है, शाहजहानी पार्क में आंदोलनरत हैं और मोर्चे पर डटे हुए हैं। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह और डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार हमने शासन प्रशासन का लगभग हर दरवाजे तक अपनी आवाज़ पहुचाने की कोशिश की है किन्तु सरकार की बेरुखी और असंवेदनशीलता का आलम यह है कि किसी भी जनप्रतिनिधि ने हमारी बात सुनने और समझने की जहमत नही उठाई।
महिला अतिथिविद्वानों ने कहा अब केवल गला कटाना बाकी है
अतिथि विद्वानों के आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल महिला अतिथिविद्वानों ने कहा है की हमने कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी और असंवेदनशीलता से दुखी होकर अपनी अस्मिता के प्रतीक अपने आंचल और दुपट्टे को भी जला दिया है। हम आपना केशत्याग भी करना चाह रहे थे किन्तु सामाजिक संगठनों के आगे आने से और उनके अनुनय विनय से यह स्थगित किया गया है। अब हमारे लिये केवल अपना गला कटवाना ही शेष है। सरकार इतनी निर्दयी हो जाएगी यह सोचा न था। इस प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार के लिए अतिथि विद्वानों ने हर संभव प्रयत्न किए थे। किन्तु जिन्हें हमने सत्ता की सिहांसन पर बैठाया वही हमारे संहारक बन गए है। यह सोचा न था।अतिथिविद्वान नियमितीकरण मोर्चा के प्रान्तीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि अब महिला साथियों और बच्चों की पीड़ा देखी नही जाती है। हम तो परेशान हैं ही किन्तु महिलाएं और बच्चे ठंड और बारिश से अधिक प्रभावित दिखाई पड़ रहे है। यहां तक कि कई महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा है।
अतिथि विद्वानों का जारी है अनशन
अतिथिविद्वानों के आंदोलन के साथ पिछले 4 दिनों से कई अतिथि विद्वान जिसमे महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, लगातार अनशन में बैठे हैं। कुछ महिला अतिथि विद्वानों की हालत भी बिगड़ी है। किन्तु आज तक शासन प्रशासन से कोई भी प्रतिनिधि उनकी खोज खबर लेने नही पहुँचा है।
वचन निभाये प्रदेश की कांग्रेस सरकार
अतिथि विद्वानों ने केसरिया न्यूज से खास बात करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के समय दी गये वचन को कांग्रेस सरकार निभाये, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान 17.22 में अतिथि विद्वानो को नियमित करने का जो वचन दिया था । उसे वह पूरा करे सरकार बने लगभग एक वर्ष होने जा रहा है। इसके बावजूद सरकार नियमित करने की दिशा में कोई भी कार्य करती हुई नही दिख रही है। बल्कि जिस असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा को उसने व्यापमं 2 का नाम दिया उन्हें नियुक्ति दे रही और अतिथि विद्वानों को सेवा से बाहर किया जा रहा है।
प्रशासन ने समाप्त की धरने की अनुमति
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ आशीष पांडेय ने कहा है कि पिछले कई दिनों से लगातार चल रहे अतिथिविद्वानों के इस आंदोलन की सरकार की ओर से कोई सुध नही ली गई है, बल्कि स्थानीय प्रशासन ने धरने की अनुमति बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि शाहजहानी पार्क में पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे अतिथी विद्वानों ने धरने की अनुमति को आगे बढ़ाने के लिए पुनः एसडीएम आफिस में आवेदन लगाया था किंतु प्रशासन ने आगे अनुमति देने से इनकार कर दिया है। लेकिन अतिथिविद्वान अनुमति की समाप्ति के बाद भी पार्क में डटे हुए हैं।
गाँधीआलय विचार मंच मदद को आया आगे
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान ने कहा है कि पिछले कई दिनों से आंदोलनरत अतिथिविद्वानों के लिए गाँधीआलय विचार मंच किसी फरिश्ते के समान आमने आया और उसने कड़ाके की ठंड में ठिठुरते अतिथिविद्वानों को न सिर्फ कंबल इत्यादि उपलब्ध करवाए बल्कि हमारे लिए लगातार भोजन उपलब्ध करवाया है। यह बहुत बड़ी मानव सेवा है जिस के हज़ारों अतिथि विद्वानों को लाभ हुआ है।
Author: kesarianews
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