इंदौर। खान-पान के कारोबार से जुड़े इंदौर के करणावत समूह पर स्टेट जीएसटी के छापे के बाद बड़ी टैक्स चोरी उजागर हुई है। छह दिन लगातार चली जांच के बाद समूह ने करोड़ों की टैक्स चोरी कबूल की। कार्रवाई के आखिर में समूह की ओर से करीब पौने तीन करोड़ रुपये शासन के खाते में जमा करवाए गए। इसमें टैक्स के साथ पेनाल्टी की राशि भी शामिल है। टैक्स चुकाने के बाद विभाग ने तीस से ज्यादा दुकानों की सील खोल दी। जांच के दौरान इन दुकानों को सील कर दिया गया था।
12 मार्च को राज्य कर विभाग ने इंदौर में करणावत समूह पर छापा मारा था। विभाग की एंटी इवेजन विंग ए ने शाम को कार्रवाई शुरू की थी। एक साथ करणावत समूह से जुड़ी करीब 38 दुकानों पर जांच शुरू की गई थी। कार्रवाई का केंद्र समूह का रजिस्टर्ड मुख्यालय स्कीम नंबर 140 स्थित मुख्यालय था। प्रारंभिक तौर पर जांच में 75 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम जुटी भी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच पूरी होने के बाद कर चोरी स्वीकार करते हुए करणावत समूह ने करीब पौने तीन करोड़ रुपये से ज्यादा विभाग के खाते में जमा कर दिए हैं। इससे पहले तक समूह दावा करता रहा है कि वह पूरा टैक्स चुकाकर वैध तरीके से कारोबार करता है। जीएसटी, ब्याज व पेनाल्टी के तौर पर यह राशि चुकाई गई है। विभाग को पान मसाले के साथ आयातित सिगरेट व अन्य फ्लेवर व मसालों में टैक्स नहीं चुकाने के सबूत मिले थे। इसके साथ ही करणावत समूह द्वारा संचालित किए जा रहे मैस व भोजनालयों पर भी जांच की गई। इस पर भी टैक्स निकाला गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार बीते वर्षों से यह समूह टैक्स सिर्फ उतनी ही बिक्री को दिखाकर चुकाया रहा था जिसका भुगतान आनलाइन माध्यमों से होता था। नकद भुगतान के ज्यादातर हिस्से को न तो दिखाया जा रहा था, न ही उस पर टैक्स जमा हो रहा था। इसी आधार पर कड़िया जोड़कर कुल बिक्री और खरीदी के साथ स्टाक का हिसाब लगाया गया। इस दौरान स्टाक का सत्यापन करने के साथ खरीदी संबंधित दस्तावेजों का भी मिलान किया गया। वित्त वर्ष के आखिरी माह में विभाग द्वारा की गई यह कार्रवाई शासन के खजाने को भरने के लिए अहम साबित हुई है।
Author: kesarianews
Kesaria News has been working since 2013 to deliver authentic and exclusive news and stories to our readers & supporters. To Build The Nation for Truth. #JayHind