मुरैना। कूनो नेशनल पार्क की हद से निकल चीता पवन और मादा चीता वीरा चंबल क्षेत्र में मुरैना जिले के पहाड़गढ़ के जंगलों में पहुंच गए हैं और वहीं विचरण कर रहे हैं। पवन की लोकेशन पहाड़गढ़ के जंगलों में मिल गई है, जबकि वीरा भी पवन का पीछा करती हुई विजयपुर से निकलकर पहाड़गढ़ की ओर बढ़ गई है। नेशनल पार्क की पांच सदस्यीय टीम कालर आइडी के आधार पर उनके पीछे-पीछे दौड़ रही है।
नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों में से केवल दो पवन व वीरा ही खुले जंगल में छोड़े गए हैं। 11 चीते अब भी बाड़ों में बंद हैं। वीरा को 20 दिसंबर को और पवन को 21 दिसंबर को खुले जंगल में छोड़ा गया था। तब से वे कई बार कूनो की हद से बाहर जा चुके हैं। पूर्व में वे शिवपुरी व गुना जिले से होते हुए राजस्थान के बारा-शाहबाद के जंगलों तक पहुंच गए थे, जहां से रेस्क्यू कर उन्हें लाया गया। पहली बार है कि चीतों ने चंबल के जंगलों का रुख किया है।
तीन दिन पहले पवन कूनो की सीमा पार कर गया और अगरा-गसवानी होते हुए दो दिन पहले मुरैना के पहाड़गढ़ के जंगलों में आ गया। पवन की लोकेशन पहाड़गढ़ के जंगल में बसे मरा गांव के भरकापुरा के जंगल में मिली। यहां वन विभाग की टीम पहुंची, इसके पहले ही वह आमझिर के जंगल में पहुंच गया था। अब यहां से वह ईश्वरा महादेव के जंगल में पहुंच गया है। वीरा की लोकेशन भी पहाड़गढ़ क्षेत्र के जंगलों में ही मिल रही है।
Author: kesarianews
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