रूस ने ब्रिटिश डिप्लोमैट को निष्कासित किया:कहा- जासूसी के मकसद से देश में घुसा था

रूस ने मंगलवार को ब्रिटेन के एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया। रूसी न्यूज एजेंसी TASS की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि ब्रिटिश राजनयिक जासूसी के मकसद से देश में आया था और उसने अपने बारे में गलत जानकारी दी थी।

विदेश मंत्रालय ने कहा रूसी कानून का उल्लंघन करने की वजह से राजनयिक की राजनयिक मान्यता रद्द कर दी है और उसे दो सप्ताह के भीतर रूस छोड़ने को कहा गया है।

ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने राजनयिक के निकाले जाने के फैसले पर कहा कि यह पहली बार नहीं है जब रूस ने ब्रिटिश कर्मचारियों के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। वे सही समय पर इसका जवाब देंगे।फ्रेंच अखबार में दावा- जल्द यूक्रेन जाएंगी ब्रिटिश-फ्रांस की सेना

फ्रांस के अखबार ले मोंडे की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ब्रिटेन और फ्रांस, यूक्रेन में सैनिक भेजने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों के हवाले से अखबार ने दावा किया है कि नवंबर की शुरुआत में PM कीर स्टार्मर की पेरिस यात्रा के दौरान उनकी राष्ट्रपति मैक्रों से यूक्रेन में सैनिकों की तैनाती पर बातचीत हुई थी।

हालांकि, ब्रिटिश सरकार ने इस दावे को ‘गलत’ बताया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि वे यूक्रेन का समर्थन जारी रखेंगे, लेकिन वहां सेना भेजने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है।

ब्रिटेन ने स्टॉर्म शैडो मिसाइल की नई खेप भेजी

ब्रिटेन ने हाल ही में यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो मिसाइलों की नई खेप भेजी है। स्टॉर्म शैडो की रेंज 250 किमी से ज्यादा है। इसका इस्तेमाल 2000 के दशक की शुरुआत से किया जा रहा है। ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर इस हथियार को विकसित किया है। इसके फ्रांसीसी संस्करण को ‘स्कैल्प’ के नाम से जाना जाता है।

अमेरिका ने 18 नवंबर को यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल- आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी। इसके बाद ब्रिटेन ने भी यूक्रेन को शैडो स्टॉर्म मिसाइलों के इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी थी। इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन पर मध्यम दूरी की नई हाइपरसोनिक मिसाइल ‘ओरेशनिक’ दागी थी।

यूक्रेन को खत्म करना चाहता है फ्रांस: रूस

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि यूक्रेन में पश्चिमी बलों की तैनाती से यूरोप में गंभीर संघर्ष और वैश्विक संघर्ष हो सकता है। पुतिन ने कहा कि रूस उन देशों की सैन्य सुविधाओं पर हमला करने का अधिकार रखता है जो अपने हथियारों का इस्तेमाल उसके खिलाफ करने की अनुमति देते हैं।

दूसरी तरफ, ब्रिटेन-फ्रांस के द्वारा सैनिकों को भेजने के मामले में रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा है कि हम इस मीडिया रिपोर्ट की सत्यता की जांच कर रहे हैं। रूसी पर किसी भी हमले को फ्रांस की हरी झंडी से केवल यूक्रेन को नुकसान होगा। जाखारोवा का आरोप है कि फ्रांस यूक्रेन को खत्म करना चाहता है।

मैक्रों ने कहा था- सेना भेजना जरूरी, ताकि रूस को जीतने से रोका जा सके

मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि फ्रांस और ब्रिटेन निजी रक्षा कंपनियों के कर्मचारियों को यूक्रेन में सैनिकों को ट्रेनिंग देने और पश्चिमी देशों के भेजे उपकरणों के रखरखाव के लिए भेज सकते हैं। इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक कार्यक्रम में कहा कि यूक्रेन में सेना भेजने में कोई रोक नहीं है। इससे पहले, फरवरी में राष्ट्रपति मैक्रों ने यूक्रेन में जमीनी सेना भेजने की इच्छा जताई थी, ताकि रूस को यूक्रेन जंग जीतने से रोका जा सके।

kesarianews
Author: kesarianews

Kesaria News has been working since 2013 to deliver authentic and exclusive news and stories to our readers & supporters. To Build The Nation for Truth. #JayHind