आईपीएल-12 में कल बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में मौजूद हज़ारो दर्शकों ने बेहद शानदार और दिल की धड़कनों को थाम देने वाला मैच देखा.
रविवार को खेले गए दूसरे मुक़ाबले में विराट कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेल रही पिछली चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स को आख़िरी गेंद तक सांस रोक देने वाले मैच में एक रन से हरा दिया.
162 रनों का लक्ष्य हासिल करने के लिए उतरी चेन्नई की टीम को आख़िरी ओवर में 26 रनों की ज़रूरत थी.
धोनी ने इस ओवर की पांच गेंदों में 24 रन तो बना लिए मगर आख़िरी गेंद में वह चूक गए. सिंगल ले लेते तो स्कोर बराबर हो जाता और मैच का फ़ैसला सुपरओवर से होता.
ऐसा भले ही नहीं हो पाया मगर चेन्नई सुपर किंग्स की हार के बावजूद महेंद्र सिंह धोनी की धाकड़ बल्लेबाज़ी ने पुरानी यादें ताज़ा कर दीं.
विश्लेषकों का तो यहां तक कहना है कि धोनी मानो समय को पीछे ले गए. यानी 38वें साल की ओर बढ़ते धोनी का ऐसा रूप 10 साल पहले अक्सर देखने को मिल जाया करता था.
आख़िरी ओवर का रोमांच
विराट कोहली ने गेंद तेज़ गेंदबाज़ उमेश यादव को थमाई. सामने एक मैच के आराम करने के बाद तरो-ताज़ा चेन्नई के कप्तान और दुनिया के सबसे बड़े मैच फ़िनिशर के तौर पर पहचाने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी स्ट्राइक पर थे.
धोनी ने उमेश यादव की पहली ही गेंद पर मिडविकेट पर दनदनाता चौका लगाया. अगली ही यानि दूसरी गेंद को धोनी ने स्टेडियम के बाहर छक्के के लिए भेज दिया.
दो गेंदों पर 10 रन आने के बाद चेन्नई को जीत की ख़ुशबू आने लगी और यह तब और भी तेज़ हो गई जब धोनी ने तीसरी गेंद पर भी लॉग-ऑफ़ पर छक्का जड़ दिया.
इसके बाद बैंगलोर के कप्तान विराट कोहल के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगीं. अगली ही गेंद पर धोनी के बल्ले से दो रन निकले तो गेंदबाज़ उमेश यादव और कप्तान विराट ने राहत की सांस ली.
लेकिन दूसरी तरफ़ धोनी ने तो कुछ और ही सोच रखा था. पांचवी गेंद को धोनी ने एक बार फिर छक्के के लिए मिडविकेट बाउंड्री लाइन के ऊपर से बाहर भेज दिया.
अब आख़िरी गेंद पर चेन्नई को जीत के लिए केवल दो रनों की ज़रूरत थी लेकिन उमेश यादव ने धीमी गेंद फेंककर धोनी को छका दिया.
बावजूद इसके धोनी रन के लिए दौड़ पड़े. मगर विकेट के पीछे खड़े विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने चुस्ती दिखाते हुए पहले तो गेंद को पकड़ा और उसके बाद तेज़ी से थ्रो कर स्टंप भी बिखेर दिए.
इस तरह से शार्दूल ठाकुर रनआउट हो गए और इसके साथ ही बैंगलोर ने यह मैच एक रन से जीत लिया.
जीत के बाद कप्तान विराट कोहली और उनके सारे साथी जश्न के माहौल में डूब गए और चेन्नई की टीम ग़म के सागर में.
महेंद्र सिंह धोनी 48 गेंदों पर सात छक्के और पांच चौकों की मदद से 84 रन बनाकर नाबाद रहे.
उनके अलावा अंबाती रायडू ने 29 और रविंद्र जडेजा ने 11 रन बनाए. चेन्नई का और कोई भी बल्लेबाज़ दहाई तक भी नहीं पहुंचा.
उमेश यादव ने 47 रन देकर दो और डेल स्टेन ने भी 29 रन देकर दो विकेट झटके.
इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी की दावत पाकर बैंगलोर ने पार्थिव पटेल के 53, एबी डिविलियर्स के 25, मोईन अली के 26 और आकाशदीप नाथ के 24 रनों की मदद से निर्धारित 20 ओवर में सात विकेट खोकर 161 रन बनाए.
कमाल की बात है कि चेन्नई सुपर फ़ोर में पहुंचने के लिए केवल दो अंक दूर है. 10 मैचों में सात जीत और तीन हार के बाद उसके 14 अंक है लेकिन वह लगातार दो मैच हार चुकी है.
दूसरी तरफ़ रविवार की जीत से बैंगलोर सुपर फ़ोर की दौड़ से बाहर होने से बच गई.
अब उसके 10 मैचों में तीन जीत और सात हार के बाद छह अंक हैं, लेकिन आगे वह तब तक ही बढ़ेगी जब तक जीतती रहेगी. एक ही हार उसे इस रेस से बाहर कर देगी.
रोमांचक मुक़ाबला
इस मैच को लेकर क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन ने कहा कि आईपीएल में वैसे तो और भी बहुत से मैच शानदार हुए हैं लेकिन इतना रोमांच, इतना थ्रिलिंग सस्पेंस शायद ही हुआ हो.
अयाज़ मेमन आगे कहते हैं कि इस मैच में हांलाकि जीत के लिए केवल 162 रनों की ज़रूरत थी लेकिन बैगलोर के गेंदबाज़ों ने चार विकेट केवल 28 रन पर निकाल दिए.
उन्होंने कहा, “इसके बाद सबने देखा कि कैसे दिक्कत का सामना कर रही चेन्नई सुपर किंग्स टीम के कप्तान धोनी ने एक लाजवाब पारी खेली. ज़रा सोचिए कि आख़िरी ओवर में जीत के लिए 26 रन बनाने कि कोशिश में चेन्नई केवल एक रन से मैच हारी. यह बताता है कि मैच कितना नज़दीकी रहा.”
अयाज़ मेमन ने यह भी माना कि बैंगलोर के गेंदबाज़ों ने भी शानदार गेंदबाज़ी की.
उमेश यादव की बाद में ज़रूर पिटाई हुई लेकिन उन्होंने शुरू में दो विकेट लेकर दबाव बनाया.
इस जीत से बैंगलोर तकनीकी रूप से अभी भी आईपीएल में बची हुई है.
वैसे इस मैच में यह भी लगा कि अगर धोनी शुरू से ही ऐसा खेलते तो शायद चेन्नई जीत सकती थी.
इस बारे में अयाज़ मेमन मानते हैं कि रविंद्र जडेजा के रन आउट होने के बाद और ब्रावो के फॉर्म में ना होने से धोनी ने सारी ज़िम्मेदारी दिमाग़ी रूप से अपने कंधों पर ले ली थी.
मेमन कहते हैं, “इसके बाद धोनी ने हिसाब-किताब भी लगाया कि 8-9 गेंदों पर बचे 36 रन वह ख़ुद ही बनाएंगे. उनका हिसाब-किताब सही भी निकला.”
अयाज़ मेमन आगे कहते हैं कि यह बात अलग है कि आख़िरी गेंद पर उनसे शॉट नहीं लग सका लेकिन जिस अंदाज़ में उन्होंने बल्लेबाज़ी की, उससे ऐसा लगा जैसे उन्होंने घड़ी को 10 साल पीछे कर दिया.
हैदराबाद ने कोलकाता को हराया
इससे पहले रविवार को खेले गए पहले मुक़ाबले में सनराइज़र्स हैदराबाद ने अपने ही घर में खेलते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स को नौ विकेट से हराकर ऐसी मात दी जिसे वह लम्बे समय तक याद रखेगी.
हैदराबाद की जीत के नायक हमेशा की तरह सलामी बल्लेबाज़ डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो रहे.
हैदराबाद ने जीत के लिए 160 रनों का लक्ष्य डेविड वॉर्नर के 67 और बेयरस्टो के नाबाद 80 रनों की मदद से 15 ओवर में केवल एक विकेट खोकर हासिल कर लिया.
इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 12.2 ओवर में ही 131 रनों की साझेदारी कर कोलकाता की जीत की सारी उम्मीदें पहले ही तोड़ दी थी.
इससे पहले कोलकाता ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 159 रनों जैसा बस ठीक-ठाक ही स्कोर बनाया.
कोलकाता की सलामी जोड़ी क्रिस लिन और सुनील नारायन के अलावा रिंकू सिंह ने कुछ हद तक सनराइजर्स के खलील अहमद और भुवनेश्वर कुमार का सामना किया.
बाक़ी बल्लेबाज़ तो एक-एक रन के लिए तरसते दिखाई दिए. जो ख़लील अहमद और भुवनेश्वर कुमार से बचे वह राशिद खान की स्पिन के जाल में फंस गए.
क्रिस लिन ने 51, सुनील नारायन ने 25 और रिंकू सिंह ने 30 रन बनाए.
भुवनेश्वर कुमार ने 35 रन देकर दो, ख़लील अहमद ने 33 रन देकर तीन और राशिद खान ने केवल 23 रन देकर एक विकेट हासिल किया.
ऐसा बहुत समय बाद देखने को मिला जब हैदराबाद के गेंदबाज़ों ने अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.
रही बात डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो की तो वे तो इस बार हैदराबाद की हर जीत में अपना अहम योगदान देते आ ही रहे हैं.
रविवार को भी डेविड वॉर्नर ने केवल 38 गेंदों पर तीन चौकों और पांच छक्कों की मदद से 67 रन बनाए.
उनके जोड़ीदार जॉनी बेयरस्टो ने तो वॉर्नर से भी एक क़दम आगे बढ़कर बल्लेबाज़ी करते हुए केवल 43 गेंदों पर सात चौकों और चार छक्कों की मदद से नाबाद 80 रन बनाए.
वॉर्नर के आउट होने के बाद कप्तान केन विलियमसन को तो मैदान में बस जीत के लिए बचे-खुचे रन बनाने थे. वह आठ रन बनाकर नाबाद रहे.
डेविड वॉर्नर किस क़दर फॉर्म में है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पिछले चार मैचों में लगातार अर्धशतकीय पारियां खेली हैं.
रविवार को कोलकाता के ख़िलाफ़ 67, चेन्नई के ख़िलाफ़ 50, दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ 51 और पंजाब के ख़िलाफ़ नाबाद 70 रन उनके बल्ले से निकले हैं.
इसके अलावा कोलकाता के ही ख़िलाफ़ 85, राजस्थान के ख़िलाफ़ 69 और बैंग्लोर के ख़िलाफ़ नाबाद 100 रन इस बात का सबूत है कि उनके बल्ले की मार से कोई टीम और कोई गेंदबाज़ नहीं बचा है.
वॉर्नर के जोड़ीदार बेयरस्टो ने भी इस आईपीएल में बेहद दमदार बल्लेबाज़ी की है. उन्होंने भी बैंगलोर के ख़िलाफ़ 114 रन बनाए थे.
इसके अलावा पिछले तीन मैचों में उन्होंने कोलकाता के ख़िलाफ़ नाबाद 80, चेन्नई के ख़िलाफ़ नाबाद 61 और दिल्ली के ख़िलाफ़ 41 रन बनाए थे.
हैदराबाद ने पिछले दोनों मुक़ाबले जीतकर एक तरह से आईपीएल में वापसी की है.
अब हैदराबाद के नौ मैचों में पांच जीत और चार हार के बाद अंक तालिका में 10 अंक हैं और वह चौथे स्थान पर भी पहुंच गई है.
दूसरी तरफ़ कोलकाता अंक तालिका में आठ अंकों के साथ छठे स्थान पर पहुंच गई है. यह कोलकाता के लिए ख़तरे की घंटी है क्योंकि उसकी यह हालत 10 मैचों के बाद है.
कमाल है कि जिस टीम के शानदार फ़ॉर्म मे चल रहे खिलाड़ी आंद्रे रसेल से बाक़ी सारी टीमें डर रही हैं, अगर उसन टीम ने ख़ुद को नहीं संभावा तो सुपर फ़ोर की दौड़ से बाहर भी हो सकती है.
Author: kesarianews
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