दरभंगा।दरभंगा सीट पर उम्मीद लगाए बैठे जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सीट बंटवारे के बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंन जदयू के राष्ट्रीय महासचिव समेत तमाम पदों के साथ सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। वह राष्ट्रीय जनता दल से पहले भी जुड़े थे और उसी के साथ रहते हुए केंद्र में मंत्री भी रहे थे। जदयू में जब नीतीश कुमार दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो उन्हें भी राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी की एनडीए में वापसी के समय से वह असहज थे और अब सीट बंटवारे में दरभंगा लोकसभा भाजपा के खाते में जाने के आधार पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
अली असरफ फातमी ने अपने लेटर पैड पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिए गये इस्तीफे में लिखा है कि वह मैं नैतिक मूल्यों की रक्षा हेतु जनता दल यूनाइटेड के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे रहा हूं।
अली असरफ फातमी दरभंगा से जनता दल और राजद से चार बार सांसद रह चुके हैं। इतना ही नहीं राष्ट्रीय जनता दल से जीतने के बाद उन्हें शिक्षा राज्य मंत्री भी बनाया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा उन्हें टिकट नही मिलने से नाराज होकर उन्होंने जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता ले ली थी।
जानकारी के मुताबिक अली अशरफ फातमी 21 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। चर्चा यह भी है कि राष्ट्रीय जनता दल उन्हें मधुबनी के लिए टिकट देकर चुनाव लड़वाना चाहती है। उनके राजद में शामिल होने की चर्चा कई दिनों से चल रही है।
1991 के लोकसभा चुनाव में अली अशरफ फातमी जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते थे। लेकिन इसके बाद 1996 और 1998 में जनता दल बदलकर राजद हो गया। इसके बाद भी अली असरफ फातमी ने अपनी जीत बरकरार रखी। 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के पुत्र और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद भाजपा की टिकट से चुनाव जीतकर पहली बार दरभंगा के सांसद बने और इस बार अली असरफ फातमी को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2004 और 2009 में हुए लोकसभा के चुनाव फिर राजद के टिकट पर अली असरफ फातमी चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद इस बार केंद्र की सरकार में उन्हें केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था। लेकिन 2014 के लोकसभा के चुनाव राजद ने फातमी को बेटिकट कर दिया जिससे नाराज होकर उन्होंने पहले मधुबनी लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और फिर उसके बाद उन्होंने जदयू की सदस्यता ग्रहण की जहाँ उन्हें राष्ट्रीय महासचिव तो बना दिया गया था लेकिन उन्हें पार्टी में कोई उचित स्थान नही मिल पाया। इस नाराजगी की वजह से अब वह एक बार फिर वह राष्ट्रीय जनता दल में वापस लौट रहे हैं।
Author: kesarianews
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