रायगढ़। आखरी फैसला फ़िल्म की शूटिंग कर सगाई में जा रहे छालीवुड में विलेन की भूमिका वाले अभिनेता सूरज मेहर दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। सड़क दुर्घटना सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के सरसींवा पीपरडुला गांव के पास स्कार्पियो वाहन की टक्कर पिअकप से जबरदस्त भिंड़त होने के हुई है।
हादसे के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री और गृह सरिया वासी, स्वजन सदमे में हैं।जानकारी के मुताबिक सुरज मेहर पिता ईश्वर मेहर उम्र 42 वर्ष ग्राम सरिया थाना सरिया रहवासी है। मृतक अभिनेता के भांजे मुक़धर मेहर ने बताया कि बिलासपुर से फिल्म शुटींग करके वापस अपने ग्राम सरिया स्कार्पियो क्रमांक सीजी-10-डब्लू-6967 में बुकिंग करके आ रहा था। स्कोर्पियो वाहन को भुपेश पाटले पिता संतोष कुमार पाटले चला रहा था। वाहन में आर्या वर्मा पिता सोहन वर्मा उम्र 19 वर्ष भी स्कोर्पियो में बैठा था। इस दरमियान थाना सरसीवां के सामान्य गतिविधियों के साथ सभी आपस मे बातचीत कर आ रहे थे, तभी पीपरडुला गांव के पास सुबह करीब 5 से 6 बजे के बीच सरसीवां के तरफ से पिकअप वाहन क्रमांक सीजी-17-के एल-6330 के चालक द्वारा तेज गति व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए स्कोर्पियो को ठोकर मार दिया।
हादसा इस कदर भयानक था कि वाहनम बैठे लोग जब तक संभल पाते तब तक अंदर में घायलों की चीख पुकार मच गई। इधर घटना की सूचना मिलते ही सरसीवा पुलिस जब मौके पर पहुंचकर स्कार्पियो में फंसे लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल भेजवाए। स्कार्पियो में बैठे अभिनेता सूरज मेहर तथा भुपेश पाटले एवं आर्या वर्मा को चोंट आई। जिन्हे ईलाज हेतु बिलाईगढ अस्पताल लेकर गये जहां डाक्टर द्वारा सूरज मेहर की मृत्यु हो जाना बताये। तथा भुपेश पाटले एवं आर्या वर्मा को बिलासपुर रिफर किया गया हैं। वहीं हादसे में सूरज की मौत मौके में ही हो गई थी। बहरहाल इस दुर्घटना के बाद सरसींवा पुलिस ने पिकअप चालक पर जुर्म दर्ज कर मामले को विवेचना में ली है।
अभिनेता सूरज के करीबियों ने बताया कि फ़िल्म आखरी फैसला की शूटिंग के बाद तय कार्यक्रम में उसे गृह ग्राम सरिया जाना था। दरअसल हादसे के दिन उसकी सगाई का कार्यक्रम था। सामाजिक रीति रिवाज को पूरा कर स्वजन व परिचित के मौजूदगी में दोपहर 12 बजे निकलना था। उनकी सगाई ओडिशा के भठली में सगाई होनी थी। वहीं मंगलवार 30 अप्रैल को होनी थी।
सरिया के ईस्ट मित्रों में बताया कि सूरज बचपन से ही अदाकारी में बेहतर अभिनय करता था। परिवार में इकलौता बेटा था। गांव में स्कूल में उसकी जमकर प्रशंसा होती थी। सूरज इसी अदाकारी को अपने प्रोफेशनल जीवन मे लेकर गया और एक मुकाम बनाया। इकलौते पुत्र होने की वजह से घर परिवार की जिम्मेदारी भी उस पर अधिक थी। परिवार में बूढ़ी मां उम्र दराज होने से स्वास्थ्य गत समस्या से जूझ रही है। जबकि उसके पिता वयोवृद्ध होने के चलते निशक्त है। बड़ी बहन उसे भी केंसर हैं। ऐसे में उसके असमय काल के आगोश में समा जाने पर गांव से लेकर स्वजन सदमे में है।
Author: kesarianews
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