नई दिल्ली | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत में मजबूत प्रदर्शन करने के भाजपा के दावे को खारिज किया और इसे पार्टी का ‘प्रचार तंत्र’ बताया। थरूर ने कहा कि उत्तर में सत्तारूढ़ पार्टी सांप्रदायिकता, धार्मिक विभाजन और जातिवादी सामाजिक दरार जैसी बातों का राग अलाप रही है, वे वहां खरे नहीं उतरते।
थरूर ने दक्षिण भारत में भाजपा के आक्रामक रुख पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो पार्टी ‘विकास’ पर ध्यान केंद्रित करने का दावा करती है, उसी के एजेंडे को वह राज्य, जो सबसे ज्यादा विकासशील हैं, गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी, हिंदुत्व और हिंदुस्तान के प्रभुत्व की चाह वास्तव में हमारी बहुलवादी चेतना के लिए सबसे अधिक खतरा है। कांग्रेस नेता ने हालांकि इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता देश की संस्कृति के खून में गुंथी हुई है और यह इतनी आसानी से गायब नहीं होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह धर्मनिरपेक्षता के लिए चुनाव करो या मरो का चुनाव था, इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि नहीं, क्योंकि राष्ट्रीय एकता की शक्तियां हमेशा भारत की मूल धर्मनिरपेक्षता के सामने आने वाली चुनौतियों पर हावी रही हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव भारत की आत्मा के लिए चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चरण है।
देश में राम मंदिर की लहर है जो भाजपा को फायदा पहुंचा सकती है, इस पर कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य ने कहा, ‘भाजपा का धर्म का राजनीतिकरण तब बहुत आगे बढ़ गया जब प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की, जिसके लिए वह स्पष्ट रूप से योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं भगवान राम का भक्त हूं। उनकी तस्वीर मेरे घर के पूजाघर में रखी है। इसलिए मुझे यह पूछने का पूरा हक है कि अपने राम को भाजपा को क्यों सौंपना चाहिए। भगवान राम पर कॉपीराइट भाजपा को किसने दिया?’
थरूर ने कहा कि मतदाता महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे बेरोजगारी, महंगाई और सांप्रदायिक घृणा आदि का महत्व जानते हैं और वे जानते हैं कि ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोग सरकार को सिर्फ धर्म के लिए नहीं बल्कि अपने कल्याण के लिए चुनते हैं और अगर वे अपने स्वार्थ में वोट देते हैं तो वे भाजपा को सत्ता से बाहर कर देंगे।
तिरुवनंतपुरम से चौथी बार चुनाव लड़ रहे थरूर ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा दक्षिण में अपने लिए जगह बनाने का प्रयास कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया घटनाक्रम इस बात के स्पष्ट संकेत हैं। चूंकि वे साल 2019 में हर जगह चरम पर पहुंच गए हैं, इसलिए यह एकमात्र क्षेत्र बचा है जहां उन्हें उम्मीद है कि वे बढ़ सकते हैं।
Author: kesarianews
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